
Holiday: हरियाणा सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों के लिए चार दिन का स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा निदेशालय (Directorate of School Education) ने आधिकारिक पत्र जारी कर राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BEO) को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
यह अवकाश छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए लागू होगा।
किन दिनों में रहेगा स्कूलों में अवकाश?
स्कूल शिक्षा निदेशालय के आदेश के अनुसार, हरियाणा के सरकारी स्कूलों में चार विशेष अवकाश इस प्रकार रहेंगे:
- गुड फ्राइडे (Good Friday) – 18 अप्रैल
- बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) – 12 मई
- करवा चौथ (Karva Chauth) – 10 अक्टूबर
- गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस (Guru Teg Bahadur Martyrdom Day) – 25 नवंबर
इसके अलावा, रविवार और अन्य आधिकारिक अवकाश पहले की तरह लागू रहेंगे।
छात्रों और शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर
हरियाणा सरकार के इस फैसले से छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। शिक्षकों का कहना है कि त्योहारों और विशेष अवसरों पर स्थानीय अवकाश मिलने से छात्रों को भी पारिवारिक आयोजनों में शामिल होने का मौका मिलेगा।
एक शिक्षक का कहना है: “यह बहुत अच्छा निर्णय है। त्योहारों के दौरान स्कूलों में उपस्थिति कम रहती है। ऐसे में आधिकारिक रूप से छुट्टी देने से सभी को लाभ होगा।”
एक छात्र ने खुशी जताते हुए कहा: “करवा चौथ और बुद्ध पूर्णिमा जैसे त्योहारों पर अवकाश देना एक अच्छा कदम है। इससे हमें अपनी परंपराओं को ठीक से मनाने का समय मिलेगा।”
हरियाणा सरकार के बजट से छात्रों को उम्मीदें
हरियाणा सरकार जल्द ही नया शिक्षा बजट पेश करने जा रही है। इसको लेकर छात्रों में काफी उत्साह है। छात्रों का कहना है कि इस बार के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और बेटियों के उज्ज्वल भविष्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
- स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न आए।
- लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए सरकारी कॉलेजों की स्थापना की जाए।
- “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजना को और मजबूत किया जाए।
हरियाणा के जिलों में लगभग 900 सरकारी मिडिल स्कूल और 12 से अधिक डिग्री कॉलेज हैं। ऐसे में शिक्षा बजट में शिक्षा से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की मांग बढ़ रही है।
लड़कियों के लिए अलग बसों की जरूरत
छात्राओं ने यातायात व्यवस्था को सुधारने की भी मांग की है।
स्नेहा, धौरा की रहने वाली एक छात्रा का कहना है: “हर दिन हजारों छात्राएं अपनी पढ़ाई के लिए यमुनानगर जाती हैं, लेकिन बसों की सही व्यवस्था न होने के कारण उन्हें भीड़ में सफर करना पड़ता है। सरकार को लड़कियों के लिए अलग बसों की व्यवस्था करनी चाहिए।”
चेल्सी, मास कम्युनिकेशन की द्वितीय वर्ष की छात्रा का कहना है: “शहरों में सरकारी कॉलेजों की संख्या बढ़नी चाहिए। निजी कॉलेजों की ज्यादा फीस के कारण गरीब परिवारों की बेटियां पढ़ाई से वंचित रह जाती हैं।”
छात्राओं का कहना है कि यदि सरकार अलग से लड़कियों के लिए बस सेवा शुरू करती है, तो यह उनके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
बजट में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग
हरियाणा सरकार से छात्रों की यह भी मांग है कि –
- सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाए।
- गांवों और छोटे कस्बों में नए कॉलेज स्थापित किए जाएं।
- स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम की संख्या बढ़ाई जाए।
- छात्रवृत्ति योजनाओं में सुधार किया जाए, ताकि हर वर्ग के छात्रों को लाभ मिले।
छात्रों और अभिभावकों की राय है कि यदि सरकार इन मांगों को बजट में शामिल करती है, तो हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।
हरियाणा सरकार की शिक्षा नीतियों पर नजर
हरियाणा सरकार पहले भी शिक्षा सुधारों को लेकर कई फैसले ले चुकी है –
- सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई।
- बच्चों के लिए डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म शुरू किए गए।
- शिक्षकों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाए गए।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार का बजट छात्रों की कितनी उम्मीदों पर खरा उतरता है!
हरियाणा सरकार का चार दिवसीय स्थानीय अवकाश देने का फैसला शिक्षकों और छात्रों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है। इसके अलावा, आगामी शिक्षा बजट को लेकर भी छात्रों में काफी उम्मीदें हैं।
सरकार यदि छात्रों की मांगों को ध्यान में रखकर बजट तैयार करती है, तो हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार शिक्षा और छात्र कल्याण के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाती है!